Rajasthan Kisan Karj Rahat Aayog: राजस्थान सरकार किसानो के हित के लिए सदैव तत्पर रही है। राज्य सरकार विधानसभा में एक ओर बिल पेश करने जा रही है। जिससे की किसानो को बड़ी राहत की खबर मिल सकती है। किसान कर्ज राहत आयोग बिल 2 अगस्त को विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल के पारित होने के बाद किसान कर्ज राहत आयोग बनाया जाएगा और किसानो की कर्ज माफ़ी की मांग सुनी जाएगी।
किसान कर्ज माफ़ी आयोग के बनने के बाद किसान पर बैंक या किसी भी फाइनेंसियल संस्था द्वारा फसल ख़राब होने पर कर्ज वसूली का प्रेशर नहीं डाला जा सकेगा। बता दे की किसान फसल खराब होने की स्थिति में किसान कर्ज राहत आयोग में कर्ज माफ़ी की मांग करते हुए आवेदन कर सकेगा। किसान कर्ज राहत आयोग सरकार को किसानो के कर्ज माफ़ करने को लेकर या फिर सहायता को लेकर कभी भी आदेश जारी कर सकता है।
आइये जानते है आज के इस आर्टिकल के माध्यम से किसान कर्ज राहत आयोग से संबंधित पूरी अपडेट के बारे में, आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज होंगे अध्यक्ष पद पर
अगर हम राजस्थान कर्ज राहत आयोग के अध्यक्ष की बात करे तो इसके अध्यक्ष पद पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज होंगे। राजस्थान कर्ज राहत आयोग का कार्यकाल 3 साल का रहने वाला है और इसके अध्यक्ष और सदस्य का कार्यकाल भी 3 साल का रहने वाला है। सरकार चाहे तो कार्यकाल की अवधि को बढ़ा भी सकती है। इस आयोग में एक अध्यक्ष होगा और 4 अन्य सदस्य होंगे। इस आयोग में एसीएस या प्रमुख सचिव रैंक पर रहे रिटायर्ड आईएएस, जिला और सेशन कोर्ट से रिटायर्ड जज, बैंकिंग सेक्टर में काम कर चुके अफसर और एक एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट सदस्य रहेंगे। सदस्य सचिव के रूप में सहकारी समितियों के एडिशनल रजिस्ट्रार स्तर के अफसर रहेंगे।
यह आयोग की पावर
किसान कर्ज राहत आयोग की पावर कोर्ट के समान होंगी। यदि किसी क्षेत्र में ख़राब फसल होने के कारण वहाँ के किसान कर्ज नहीं चूका रहे है तो किसान कर्ज राहत आयोग उस क्षेत्र के किसानो के कर्ज को ख़राब फसल होने के कारण कर्ज माफ़ी का आदेश दे सकता है।
किसान कर्ज राहत आयोग से किसानो को काफी फायदा होगा। उनकी मांग को आयोग द्वारा सुना जाएगा। बता दे की यदि किसान अपने ख़राब फसल होने के कारण कर्ज नहीं चूका रहा है तो किसान द्वारा आवेदन करने के पश्चात आयोग द्वारा यह देखा गया की किसान की फसल वाकई में खराब है तो उस स्थिति में आयोग किसान कर्ज माफ़ करेगा और किसान को संकटग्रस्त किसान घोषित कर देगा।
यहाँ पर संकटग्रस्त किसान का यही मतलब है की किसान ख़राब फसल के कारण कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं है। संकटग्रस्त घोषित होने के बाद बैंक द्वारा किसान से जबरदस्ती कर्ज नहीं लिया जा सकेगा।
आयोग बेंको से भी बातचीत करेगा
यदि कोई क्षेत्र संकटग्रस्त घोषित हो जाता है तो आयोग द्वारा बैंक से बातचीत की जाएगी और बेंको से लिए गए कर्ज को सेटलमेंट के आधार पर चुकाने की प्रक्रिया भी तय करेगा। आपको बता दे की यदि आयोग किसानो के पक्ष में कोई फैसला लेता है तो इससे पहले आयोग बैंक के प्रतिनिधियों की भी सुनवाई करेगा।
लोन को री शेड्यूल करने या ब्याज कम करने जैसे फैसले भी आयोग कर सकेगा।
किसान कर्ज राहत आयोग बैंक को किसानो के कर्ज को लेकर प्रक्रिया तय करने और सरलीकरण को लेकर सुझाव भी दे सकता है।
किसान कर्ज राहत आयोग सरकार को अपनी रिपोर्ट में किसानो के हालत को देखिए हुए किसानो के कर्ज माफ़ी की सिफारिश भी कर सकता है।
आयोग की शक्तिया सिविल कोर्ट के बराबर होगी यानी की आयोग के फैसले को सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। किसान कर्ज राहत आयोग के किसी भी फैसले को सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
किसान कर्ज माफ़ी के लिए आवेदन
यदि किसान अपनी ख़राब फसल के कारण कर्ज नहीं चूका पा रहा है तो इस स्थिति में किसान, आयोग में जाकर अपने कर्ज माफ़ी के लिए आवेदन कर सकता है।
आयोग जिलो में बैठक और सुनवाई करेगा
बता दे की किसान कर्ज राहत आयोग समय समय पर अपनी बैठक भी करेगा। आयोग को जहाँ पर आवश्यकता महसूस होगी वहाँ बैठक करेगा।
संकटग्रस्त इलाको में किसानो के हालातो का जायजा लेने और उनकी ख़राब फसल के लिए कर्ज माफी का निर्णय लेने से पहले आयोग के प्रतिनिधि उस इलाके में जाएंगे।
किसान कर्ज राहत आयोग द्वारा अपनी बैठक में 5 में से 3 सदस्य का होना जरुरी होगा। आयोग जिलों में होने वाली बैठकों के लिए 2 या उससे ज्यादा मेंबर्स वाली न्याय पीठ का गठन करके बैठक करेंगे।
आयोग द्वारा बेंको को आदेश दिए जा सकेंगे। बता दे की आयोग बेंको को ऋ शेड्यूल जारी करने और बेंको को कर्ज माफ़ी का आदेश भी दे सकेगा। आयोग द्वारा बेंको को शार्ट टर्म लोन को लॉन्ग टर्म के लिए री शेड्यूल जारी करने का आदेश भी दे सकता है।
प्रॉपर्टी नीलाम नहीं कर सकेगा बैंक
किसान अपनी कर्ज माफ़ी की मांफ के लिए आवेदन करता हे तो इस स्थिति में किसी भी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन द्वारा उस किसान पर प्रॉपर्टी नीलामी या कर्ज वसूलने के लिए प्रेसर नहीं दिया जा सकता है। जब तक केस पेंडिंग रहेगा किसान पर किसी भी रह की कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
Rajasthan Kisan Karj Mafi– सारांश
प्रिय पाठकों! इस आर्टिकल में हमने Rajasthan Kisan Karj Mafi के बारे में विस्तार से जानकारी दी, अब कभी भी माफ हो सकता है किसानो का कर्ज, राजस्थान सरकार बनाएगी कर्ज राहत आयोग, बैंक नहीं कर सकेंगे किसानो की जमीन नीलाम, जानिए सम्पूर्ण अपडेट। उम्मीद करते है कि हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी रहा होगा। आप अपने सुझाव हमे कमेंट बॉक्स में जरूर दें।
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