Woman Pashu sakhi: ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली 5वी पास महिलाओ के लिए पशु सखी बनने का बेहतरीन मौका है। पशुओ की नई-नई तकनीक को सीखकर लोगो को इसके बारे में जागरूक कराने पर महिलाओ को मासिक भत्ता भी दिया जाता है।
ग्रामीण अंचल में रहने वाली महिलाए जो की 5वीं कक्षा पास है और पशुपालन से आजीविका चलाती है उन्हें राजविका द्वारा पशु सखी बनने का मौका दिया जा रहा है।
आत्मनिर्भर बनने की राह देख रही महिलाए अब राजविका की मदद से पशु सखी बनकर पशुओ की नई- नई तकनीक को सीख सकती है। पशु सखी के लिए राजविका द्वारा 4 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें पशुओ के संबंध में विस्तार से बताया जाता है।
जिससे की महिलाए छोटी मोटी बीमारियों का तो पता स्वयं ही लगा सकती है। इसके साथ ही पशु सखी बनकर ये महिलाए ग्रामीण क्षेत्र में लोगो को उन्नत पशुपालन की नई–नई तकनीक सिखाएगी।
इसके लिए राजीविका द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की पशु सखी को 1500 रुपए का मासिक भत्ता भी उपलब्ध कराया जाता है। प्रदेश भर में 6000 ग्रामीण महिलाओं को पशु सखी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
पशु सखी ट्रेनिंग में यह सब सिखाया जाता है
पशु सखी की ट्रेनिंग उन महिलाओ को दी जाती है जो की 5वी पास है। इस ट्रेनिंग के अंतर्गत महिलाओ को पशुओ का आवास कैसा होना चाहिए इसके बारे में बताया जाता है, इसके साथ ही पशुओ को सामान्य बिमारी होने पर कौन-कौनसी दवाई देनी चाहिए।
इसके बारे में भी बताया जाता है, पशुओं की स्वच्छता, नस्ल सुधार, इसके साथ ही पशुओ के दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए दिए जाने वाले खनिजों के बारे में भी बताया जाता है। इस तरह की तमाम जानकारी महिलाओ को पशु सखी ट्रेनिंग में दी जाती है।
एक गाँव में कितनी महिलाओ को बनाया जाता है पशु सखी ?
पशु सखी की ट्रेनिंग के लिए एक गाँव से एक ही महिला को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता है। पशु सखी ट्रेनिंग में कुल चार दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें सलेक्ट होने वाली महिला को ट्रेनिंग के लिए स्टेट लेवल पर भेजा जाता है।
बताया जा रहा है की महिलाओ की इस चार दिन की ट्रेनिंग में नार्मल तरिके से पशुओ के आवास संबंधित बाते सिखाई जाती है, कौन-कौन सी अच्छी नस्ल पालकर दूध उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है, पशुओ को संतुलित आहार क्या-क्या देना चाहिए, बिगड़ी नस्लों में सुधर कैसे करे इस तरह की बहुत सी बाते ट्रेनिंग के दौरान सिखाई जाती है।
पशु सखी के लिए सलेक्शन की क्या प्रोसेस रहती है ?
पशु सखी के लिए चार दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। इस ट्रेनिंग के बाद महिलाओ को मोखीक और लिखित एग्जाम भी देना रहता है। एग्जाम में पास हो जाने के बाद इन महिलाओ को ब्लॉक स्तर पर जोइनिंग दी जाती है।
इसके बाद इन महिलाओ को अपने ही गाँव में काम करने को कहा जाता है। इन महिलाओ को चार दिन की ट्रेनिंग में जो चीज सिखाई जाती है वह महिलाए राजीव समूह से जुड़े हुए लोगो को सिखाती है। इस प्रकार से महिलाओ को हर महीने 1500 रुपए मासिक भत्ता दिया जाता है।
पशु सखी बनने के लिए आवश्यक योग्यता
पशु सखी बनने के लिए महिलाओ की निम्न योग्यता पूरी होनी चाहिए –
- महिला का 1 साल पहले से ही राजीव का के समूह से जुड़ना अनिवार्य है।
- महिलाओ की शैक्षिणक योग्यता कम से कम 5वीं पास होनी चाहिए।
- उन्हें लिखना पढ़ना आना चाहिए।
- नेतृत्व करने का गुण भी पशु सखी बनने के लिए महिलाओ में होने चाहिए।
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